अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस पर विचार गोष्ठी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन।
बलियापुर।विश्व आदिवासी दिवस के अवसर बलियापुर प्रखंड अंतर्गत बाघमारा पंचायत के आमटांड़ टोला के रतोड़ी थान में एक विचार गोष्ठी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम के आरम्भ में सभी ने पारंपरिक तरीके से मां रतोड़ी का पूजन लया दासु राय और भीम राय द्वारा किया।सबों ने उनके आशीर्वाद की कामना की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप प्रमुख आशा देवी ने कहा कि जो इस भूमि में आदि काल से निवास करती हैं वे आदिवासी कहलाते हैं।आज के दौर में जो आदिवासी मूलवासी हैं।उन्हें हर जगह से बेदखल और विस्थापित किया जा रहा हैं।आदिवासी मूलत: प्रकृति पूजक होते हैं और प्रकृति से इनका गहरा रिश्ता होता हैं।यह जल,जंगल,जमीन को अपना मानते हैं और इसे वे अपनी जान से भी बढ़कर मानतें हैं।आजादी की लड़ाई चाहे वो चूआड़ विद्रोह,संथाल विद्रोह,कोल विद्रोह हो या बिरसा मुंडा द्वारा चलाया गया आंदोलन हो।सभी आंदोलन जमीन बचाने की ही लड़ाई थी और बाहरी अंग्रेज आक्रमणकारी को भगाने का आंदोलन था।
आदिवासी लोगो को डीभीसी, एफसीआई,तेनुघाट,बोकारो, जमशेदपुर,दुमका,गोड्डा हर जगह जहां भी कल कारखाने या डैम बना हैं,आदिवासियों को विस्थापित किया गया हैं।लेकिन आज तक उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था नहीं की गई हैं।9 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस इसीलिए मनाया जाता हैं ताकि आदिवासियों को उनके हक और अधिकारो से उसे वंचित न किया जाए तथा उनके अधिकारों को बढ़ाया जाए।उन्हें संरक्षित किया जाए।इसीलिए आज का दिन महत्वपूर्ण रूप से मनाया जाता हैं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और 1982 से प्रतिवर्ष इनको इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। कार्यक्रम में झारखंडी सांस्कृतिक नृत्य झूमर लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा।सभी वक्ताओं ने एक सुर में कुड़मी को भी जनजाति सूची में सूची बद्ध करने की मांग की। मौके पर उप प्रमुख आशा देवी, शिक्षक स्वपन कुमार महतो, पंसस नमिता महतो,पंसस गीता देवी, सिदाम केटियार,रोहित महतो,संतोष महतो,पंकज केटियार,धीरेन महतो,मनोहर महतो,मुखिया महतो,भरत कालिंदी,गणेश महतो,सुधीर महतो,गोपाल राय,बहादुर डोम, संतोष बाउरी,पुषा बाउरी आदि मौजुद थे।



