बिजली दरों में बढ़ोतरी का एक स्वर में हुआ विरोध, लोगों ने कहा पहले सुविधाएं बढ़ाएं जेबीवीएनएल इसके बाद ही टैरिफ में बढ़ोतरी की बात होगी



धनबाद। झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के द्वारा झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के वर्ष 2020 से 21 और 2025- 2026 के टैरिफ निर्धारण के लिए न्यू टाउन हॉल में आयोजित जनसुनवाई लोगों ने एक स्वर में बिजली दर में बढ़ोतरी के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले जेबीवीएनएल 24 घंटे बिजली समय पर बिजली बिल और अपनी सुविधाएं सुधारें, अपनी सेवा से आम लोगों को संतुष्ट करें इसके बाद बिजली बिल दरों में बढ़ोतरी करे।जनसुनवाई में आम लोगों की जगह बिजली विभाग के कर्मी और अधिकारी ज्यादा दिखे।


जनसुनवाई के दौरान किसने क्या कहा

कैलाश चंद्र गोयल- फ्लावर मिल एसोसिएशन के सदस्य ने कहा कि जेबीवीएनएल द्वारा प्रस्तावित बिजली दर बढ़ोतरी का प्रस्ताव न्यायोचित नहीं है इससे छोटे और मझोले व्यापारी खत्म हो जाएंगे।

शिवचरण शर्मा- 2008 में सिक्योरिटी मनी ₹200 थी जो 2023 में बरसात बढ़कर 3570 रुपए हो गई है इसी के साथ ही मीटर टेस्टिंग भी ₹40 से बढ़कर ₹400 हो गया। ऐसे में आम आदमी बिजली का कनेक्शन कैसे लेगा। ऊपर से बिजली दर दर बढ़ोतरी का प्रस्ताव बिल्कुल गलत है

अजय नारायण लाल (पुराना बाजार चेंबर ऑफ कॉमर्स के महासचिव)- धनबाद की स्थिति बिजली के मामले में अच्छी नहीं है बिजली की गड़बड़ स्थिति के कारण कई उद्योग धंधे पलायन हो गए हैं बारिश होती है तो यह तो पता होता है कि  बिजली जाएगी लेकिन आएगी कब यह पता होता।

प्रमोद गोयल (बैंक मोर चेंबर अध्यक्ष)- बिजली दरों में बढ़ोतरी से पहले विभाग अपनी सुविधाओं को बढ़ाएं और उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली दे तो बढ़ोतरी पर हमें कोई एतराज नहीं।

राजीव शर्मा( महासचिव जीटा)- टैरिफ ज्यादा ये इशु नहीं लेकिन बिजली की स्थिति शहर में बहुत बड़ी इशु है 80 के दशक में रात में घरों की बिजली जाने पर दुरुस्त किया जाता था लेकिन यह काम अब नहीं होता ऐसे में विभाग को अपनी सुविधाओं को पहले बढ़ाना चाहिए।

एसके कश्यप (अधीक्षण अभियंता)- एसके कश्यप ने बिजली दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव का समर्थन करते हुए जेवीवीएनएल के नए प्रोजेक्ट और दूसरे राज्यों में से टैरिफ सस्ता होने का हवाला दिया।

आयोग के सदस्यों ने भी अपनी बात रखी

नियामक आयोग के  टेक्निकल सदस्य अतुल कुमार ने कहा कि जेबीवीएनएल घाटे में चल रही है उसे अपने खर्च घटाने के साथ में निर्बाध बिजली पर भी फोकस करना है। मैन पावर की कमी को नए टेक्नोलॉजी से दूर किया जा सकता है। दिल्ली में टाटा का अनमैन पावरसबस्टेशन है विभाग को प्रोफेशनल की मदद लेनी चाहिए। विभाग के एचटी और एलटीएस उपभोक्ता कम हो रहे हैं इंडस्ट्री सोर्स ऑफ इनकम है। क्वालिटी बिजली के साथ ग्रामीण इलाकों में मीटर लगाने होंगे तभी रेवेन्यू बढ़ेगा। बिजली चोरी एबी केबल और स्मार्ट मीटर लगाने से ही रुकेगा। रेड के बजाए टेक्नोलॉजी पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत पर काम करने की भी आवश्यकता है सरकारी विभागों में सोलर पैनल लगाने से एनर्जी की कमी को दूर किया जा सकेगा और उससे उपलब्ध सर प्लस बिजली से आम उपभोक्ताओं के घर रोशन होंगे। आयोग के लीगल सदस्य महेंद्र प्रसाद ने कहा कि हौसला हो तो कम समझ संसाधन में भी कार्य पूरे किए जा सकते है जेबीवीएनएल की तुलना जुसको से नहीं की जा सकती। उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित निपटारा होने से उन्हें परेशानी नहीं होगी। ऊर्जा मेला के द्वारा  भी बिजली संबंधित समस्याओं का समाधान होता। अपनी समस्या के लिए आजकल हजारीबाग जाने के लिए किसी के पास वक्त नहीं है वहां से टीम को सप्ताह में 2 दिन धनबाद कैंप जरूर करना चाहिए। न्यायमूर्ति अमिताभ कुमार गुप्ता ने कहा कि सभी पक्षों को ध्यान से सुनने के बाद आयोग सभी पहलुओं पर गौर करने के बाद ही कोई फैसला देगी बिजली अधिकारियों को ऑनलाइन कंप्लेंट को सीरियसली लेने की जरूरत है।

ये रहे मौजूद

बिजली जीएम हरेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता पंकज, कुमार शिवेंद्र कुमार सभी सहायक अभियंता एवं कन्या अभियंता मौजूद थे।

Manoj Kumar

Digital Journalist.

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