जानिए नवागढ़ के लाला फैमिली का इतिहास जिसके शान शौकत से राजा भी जलते थे

 


धनबाद। बाघमारा के नवागढ़ गांव में लाला भवन है जहां कभी अंग्रेजों के वायसराय और गवर्नर जनरल भी आया करते थे। लाला फैमिली की ठाट बाट से नवागढ़ के राजा भी जलते थे आज भी नवागढ़ में 7 से 8 एकड़ में फैला लाला भवन, लाला फैमिली के  समृद्धि का परिचायक है।

दीवाकंर लाल लाला ने रखी थी लाला भवन की नींव

दीवाकंर लाल लाला ने नवागढ़ में लाला भवन की नींव रखी थी। उनके दोनों बेटे जगदंबा प्रसाद और द्वारिका प्रसाद लाला बड़े जमींदार थे। द्वारिका प्रसाद लाला के पांच बेटे थे जिनमें बंशीधर लाला, कृष्ण मोहन लाला, शशि भूषण लाला, इंदु भूषण लाला, यामिनी भूषण लाला आते हैं। बंशीधर लाला के पोते दीपक लाला, मधुर लाला, सजल लाला आज अपनी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।

लाला फैमिली से जुड़े किस्से दीपक लाला के जुबानी

सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेता है लाला फैमिली

दीपक लाला बताते हैं कि नवागढ़ के देवी दुर्गा के मंदिर में चैती दुर्गा पूजा और 3 दिनों तक चलने वाले बांग्ला यात्रा आज भी खूब धूमधाम से मनाई जाती है जिसमें भारी मेला लगता है और खूब लोग जुटते हैं।

शिकार का शौकीन था लाला फैमिली

लाला फैमिली के लोग अक्सर शिकार खेलने नवागढ़ के राजा के साथ हजारीबाग के जंगलों में जाया करते थे जहां वे जंगली सूअर, हिरण और बाघ का शिकार करते हैं। इसके साथ ही वह मछली पालने के लिए के भी शौकीन थे जिसके लिए उन्होंने बड़े-बड़े तालाब बनवाए थे।

अधीन थी कई बड़ी कोलियरियां 

दीपक लाला बताते हैं कि जोगीडीह, बरोरा, टुंडो, मुरायडीह जैसी बड़ी कोलयरी पर लाला फैमिली का स्वामित्व था जिसके कारण नवागढ़ के राजा इनसे जलते थे। एक बार तो नवागढ़ के राजा ने जोगीडीह कोलयरी पर अपनी स्वामित्व दोस्ती घोषित कर दिया। जिसको लेकर बंसीधर लाला कोर्ट चले गए, जहां से उन्हें डिग्री मिली।

Manoj Kumar

Digital Journalist.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने