कुड़मी जनजाति की पुनः उपेक्षा किए जानें पर झारखंड प्रदेश आदिवासी कुड़मी युवा ने जताया विरोध।


 कुड़मी जनजाति की पुनः उपेक्षा किए जानें पर झारखंड प्रदेश आदिवासी कुड़मी युवा ने जताया विरोध।

अर्जुन मुंडा मुर्दाबाद,भाजपा मुर्दाबाद - मंटू महतो।

धनबाद।संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुण्डा ने चार राज्यों की कुछ जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के उद्देश्य से लोकसभा में चार विधेयक पेश किया।जिनमें तमिलनाडु, कर्नाटक,छत्तीसगढ़ एवं हिमाचल प्रदेश की कुछ जातियों को शामिल करने के लिए अनुसूचित जनजाति आदेश 1950 में संशोधन किया जाएगा।लेकिन,कुड़मी जनजाति की पुनः उपेक्षा किए जाने पर कुड़मी समुदाय में नाराजगी हैं।विशेष कर झारखंड,बंगाल और उड़ीसा के कुड़मी समाज के लोग इसका जोरदार विरोध करेंगे।जिस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए झारखंड प्रदेश आदिवासी कुड़मी युवा मंच के नेता मंटू महतो ने इसका खुलकर स्पष्ट शब्दों में निंदा की एवं विरोध जताया।उन्होंने कहा कि इस बार भी कुड़मी समुदाय के लोगों को छलने का काम किया गया हैं।जिसका जोरदार विरोध किया जायेगा।उन्होंने समाज के हरेक लोगों से अपील की हैं कि अब लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरना होगा और अपनी एकता का परिचय देते हुए यह साबित करना होगा कि जब जरूरत हुई कुड़मियों ने आंदोलन के बल पर अपना हक अधिकार प्राप्त किया हैं।जिसका प्रमाण इतिहास में हैं,एक बार पुनः इतिहास को दोहराने की जरूरत हैं।मंटू महतो ने आगे कहा कि जब अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री थे,उस समय उन्होंने कुड़मी को एसटी में शामिल करने की मांग की थी।लेकिन,आज कुड़मी जनजाति को अनदेखा करना आपकी दोहरी नीति को उजागर करता हैं।उन्होंने अर्जुन मुर्दाबाद,भाजपा मुर्दाबाद कहते हुए कहा कि कुड़मी अब अर्जुन मुंडा और भाजपा का विरोध करेंगे।

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