शोभा यात्रा का कार्मेल स्कूल के बच्चों ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत
धनबाद । आज हम पूजन विधि काल के अंतिम सप्ताह में प्रवेश कर गए हैं और आज के दिन ख्रीस्त राजा का पर्व भी मना रहे हैं। आज भले ही किन्ही कारणों से यह शोभायात्रा गिरजाघर की चार दीवारों तथा चर्च तक ही सीमित है लेकिन इसकी महत्ता, इसकी शोभा एवं पवित्रता किसी भी रूप में कम नहीं है। आज के दिन प्रभु यीशु ख्रीस्त को हम अपना राजा घोषित करते हैं वह राजा जो हमें बचाने आया है, हमारे साथ रहता है, हमारी सुधि लेता है और हमारे सुख-दुख में हमारे परिवार के साथ भी रहता है। आज हम खुले दिल से एवं ऊंची आवाज में घोषणा करते हैं कि प्रभु तू ही हमारा राजा है, तू हमारे दिलों में रहता है, हमारे जीवन में आपका राज्य सदा सर्वदा बना रहे। इतिहास के पन्नों में जिन -जिन राजाओं का जिक्र हम पढ़ते हैं तथा उनकी राज्य सीमाओं के बारे में जानते हैं उन सभी से अलग हटकर हमारा ख्रीस्त राजा का राज्य है जिनकी सीमाओं का कोई अंत ही नहीं है क्योंकि हमारा राजा किसी एक राज्य पर नहीं बल्कि हम सभी के दिलों पर राज करता है। यह एकमात्र ऐसा राजा है जिनके जीवन को यदि जन्म से मृत्यु तक अवलोकन किया जाए तो कहीं से भी इनका जीवन राजा की तरह नहीं रहा। यहां एक विपरीत दृश्य नजर आता है। इनका जन्म एक तबेले में जानवरों के बीच में हुआ जहां उन्हें एक साफ कपड़ा तक नसीब नहीं हुआ था और ऐसे व्यक्ति को हम राजा कहते हैं। ठीक उसी प्रकार इनकी मृत्यु भी क्रूस पर दी गई थी, डाकुओं के बीच में उन्हें भी अपराधी करार दिया गया था यह एक विरोधाभास ही है। फिर भी ऐसे व्यक्ति को हम अपना राजा घोषित करते हैं। परन्तु जब हम इन सारी बातों के दूसरे पहलू को देखते हैं तो हमें पता चलता है कि वह सचमुच में हमारा राजा ही हैं। उनके जन्म के साथ ही स्वर्ग में दूतों की सेनाओं का जय जयकार शुरू हो गया था। मंजूषी स्वयं उन्हें ढूंढते हुए तबेले तक उन्हें कीमती भेंट देने आए थे। हम प्रभु यीशु ख्रीस्त को हमारे जीवन में एक राजा की तरह स्वीकार करते हैं ताकि उनकी प्रजा अर्थात् हमारी सुरक्षा प्रभु यीशु ख्रीस्त के द्वारा होने पाए। वही हमारा वास्तविक राजा है। उक्त बातें फादर प्रदीप मरांडी ने अपने उपदेश में कहा। कैथोलिक धार्मिक विधि के अनुसार वर्ष के अंतिम रविवार को "ख्रीस्त राजा पर्व रविवार को संत अंथोनी चर्च परिसर में हजारों की संख्या में ईसाई धर्मावलंबी एकत्रित हुए जहां बड़े ही हर्षोल्लास के साथ जुलूस की शक्ल में "ख्रीस्त हमारा राजा है", "ख्रीस्त राजा की जय" जय जयकार करते हुए, "ख्रीस्त राजा है हमारा प्रभु" गीत गाते हुए चर्च परिसर की परिक्रमा करते हुए चर्च में प्रवेश किए। भव्य शोभायात्रा के आरंभ में पारलौकिक राजत्व की आशीष एवं आराधना फादर प्रदीप मरांडी द्वारा किया गया। विशाल शोभायात्रा की अगुवाई कार्मेल स्कूल की बच्चियों द्वारा मुख्य मार्ग में पुष्प बिखेरते हुए किया गया। शोभा यात्रा को सफल बनाने में शिशिर प्रभात तिर्की, अमूल्य बेक, जॉन कैंप आदि का सहयोग रहा।ख्रीस्त राजा पर्व मनाने का उद्देश्य ईसा मसीह को इस धरती का नहीं बल्कि स्वर्ग का भी राजा माना गया है सर्वव्यापी राजा जिसका राज्य अनंत है और पृथ्वी पर राजाओं का राजा माना गया है। वर्ष 1925 में पोप पियुस ग्यारवें के द्वारा ख्रीस्त को राजा माना गया है। और तभी से आज के दिन ख्रीस्त राजा का जय जयकार करते हैं शोभायात्रा निकाला जाता है।

