झारखंड की संस्कृति और सभ्यता लोग भूले नहीं इसलिए गांव गांव में चित्र उकेर रहा हूॅं - महावीर महतो।


झारखंड की संस्कृति और सभ्यता लोग भूले नहीं इसलिए गांव गांव में चित्र उकेर रहा हूॅं - महावीर महतो।

धनबाद।जिले के कपूरिया बांधडीह गांव निवासी महावीर महतो ने पूरे झारखंड के गांव गांव में अपनी कूची से झारखंडी रंग से रंगने का नि:शुल्क बीड़ा उठाया हैं।बीएचयू से फाइन आर्ट्स मे एमए की पढ़ाई करने वाले महावीर महतो उर्फ महावीर स्वामी झारखंड की लोक कला एवं संस्कृति से लोगों को रूबरू करा रहे हैं।इसी निमित्त में महावीर महतो ने चंदनकियारी के सहारजोरी पंचायत के बेलडीह गांव में रसराज महतो एवं टिंकू महतो के घर दीवार में अद्भुत चित्र बना रहे हैं। जिसमें उन्होंने एक चित्र में विनोद बिहारी महतो के चित्र के साथ उनके द्वारा दिये गए नारा पढ़ो और लड़ो के साथ पेंसिल एवं विश्व के मानचित्र को दर्शाया हैं।जिसके माध्यम से वे संदेश देना चाहते हैं कि दुनिया मे पढ़ाई ही एक ऐसा हथियार हैं।जिसके जरिये हम दुनिया में भी नाम रौशन कर सकते हैं। वहीं दूसरी पेंटिंग में वे झारखंडी पर्व सोहराय को दर्शा रहे हैं।जिसमें एक महिला द्वारा घर की पोताई एवं मढ़नी बनाते हुए दिखा रहे हैं। 

विलुप्त होती संस्कृति सभ्यता को बचाने का हैं लक्ष्य।

चित्रकार महावीर महतो का कहना हैं कि झारखंड की सभ्यता संस्कृति निरंतर विलुप्त होती जा रही हैं।जिसे बचाने लिए सरकार गंभीर नहीं हैं। इसलिए अपनी संस्कृति एवं सभ्यता को बचाने के लिए हम जैसे युवाओं को आगे आने की जरूरत हैं। श्री महतो ने बताया कि अब तक झारखंड के सात जिलों के करीब 20 गांवों में झारखंड की संस्कृति बचाने को लेकर पेंटिंग के माध्यम से मुहिम चला चुके हैं।आगे पूरे राज्य से  करीब 600 से अधिक गांव से लगातार बुलावा आ रहा हैं।उनकी सूची तैयार कर वहां भी जाएंगे और झारखंड लोक कला एवं संस्कृति तथा झारखंड शहिद वीर सपूतों का चित्र का चित्रांकन कर लोगो में जागरूकता लाना हैं।उन्होंने कहा चित्रकारी के माध्यम से झारखंड की संस्कृति को स्थापित करना चाहते हैं।जो नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं।

निजी कंपनी में अच्छी पैकेज छोड़,कर रहे हैं नि:शुल्क पेंटिंग।

छोटानागपुर लोककला संस्कृति संस्थान के संस्थापक

माटी चित्रकार महावीर स्वामी ने बताया कि बीएचयू से फाइन आर्ट्स का कोर्स पूरा करने के बाद एक निजी कंपनी से अच्छी पैकेज पर काम पाया। लेकिन दिसंबर माह में हुए भाषाई आंदोलन के बाद काम छोड़ कर झारखंडी संस्कृति को बचाने के लिए नि:शुल्क पेंटिंग कर लोगो को जागरूक कर रहे हैं। झारखंड की संस्कृति को बचाने एंव उसे लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से इसे मिशन मानकर अपने घर से निकले हैं तथा  सेवाभाव से इस काम को पूरी तरह से नि:शुल्क कर रहे हैं।झारखंडी संस्कृति तथा परब त्यौहार और झारखंड के शहीद की तस्वीरों को दीवारों पर उकेर कर लोगों को जागरूक करने काम किया जा रहा हैं।झारखंड के पर्व-त्योहार संस्कृति भाषा सभ्यता से संबंधित जानकारी दीवारों पर चित्र से उकेर रहे हैं। 

महावीर महतो के इस इस नेक कार्य के लिए युवा समाजसेवी सुनील महतो, महावीर महतो को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया।

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