मॉब लींचिंग भीड़ का खुनी खेल एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा और बहुत बड़ा अपराध || Mob Lynching An International Issue Or A Major Crime.
भारत को प्राचीन काल से एक शांतिप्रिय देश कहा जाता है। लेकिन 21वीं शताब्दी में इस देश में उन्मादियों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। दुष्कर्म, चोरी, छिनतई, डकैती, मर्डर और मारपीट की घटना आम हो गयी है। लोग इनसे निजात पाने के लिए इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों को भीड़ का जत्था बनाकर स्वयं कानून के पहरेदार बन जाते हैं। दोषियों को स्वयं ऐसी सजा दे जाते हैं। या तो वो इंसान अधमरा हो जाए या फिर पंच तत्व में विलीन हो जाए।
क्या है मॉब लिंचिंग ?
जब भीड़ किसी व्यक्ति/आरोपी/दोषी को अपराधी करार देकर उसे मानसिक, वाचिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करे। तो यह मॉब लिंचिंग कहलाता है।
जब भीड़ किसी व्यक्ति/आरोपी/दोषी को अपराधी करार देकर उसे मानसिक, वाचिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करे। तो यह मॉब लिंचिंग कहलाता है।
क्या है घटना का कारण ?
1. लोग किसी की गलतियों को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं।
2. कुछ लोग स्वयं को कानून मानने लगे हैं।
3. कुछ लोग कानूनी प्रक्रिया में देर होने के कारण दोषी को स्वयं सजा देने में विश्वास कर रहे हैं।
1. लोग किसी की गलतियों को बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं।
2. कुछ लोग स्वयं को कानून मानने लगे हैं।
3. कुछ लोग कानूनी प्रक्रिया में देर होने के कारण दोषी को स्वयं सजा देने में विश्वास कर रहे हैं।
क्या यह सही है?
बिल्कुल नहीं। क्योंकि भारत देश एक कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया के अनुरूप चलता है। क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। यहाँ कि कानूनी व्यवस्था देश के किसी भी नागरिक को किसी व्यक्ति को मानसिक, वाचिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की अनुमति नहीं देता है। चाहे वह कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा अपराध क्यों न किया हो।
बिल्कुल नहीं। क्योंकि भारत देश एक कानूनी और न्यायिक प्रक्रिया के अनुरूप चलता है। क्योंकि यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य है। यहाँ कि कानूनी व्यवस्था देश के किसी भी नागरिक को किसी व्यक्ति को मानसिक, वाचिक, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की अनुमति नहीं देता है। चाहे वह कोई व्यक्ति कितना भी बड़ा अपराध क्यों न किया हो।
मॉब लिंचिंक की शुरूआत कहाँ से हुई?
मॉब लिंचिंक प्राचीन काल से सजा देने की प्रक्रिया है। प्राचीन काल में जब किसी देश में कोई कानूनी व्यवस्था नहीं थी। तो सर्वसम्मति/उन्माद स्वरूप किसी व्यक्ति को दोषी करार देते हुए उसे मृत्यु दंड दे दिया जाता है। जो कि भीड़ के द्वारा किया जाता था।
मॉब लिंचिंक प्राचीन काल से सजा देने की प्रक्रिया है। प्राचीन काल में जब किसी देश में कोई कानूनी व्यवस्था नहीं थी। तो सर्वसम्मति/उन्माद स्वरूप किसी व्यक्ति को दोषी करार देते हुए उसे मृत्यु दंड दे दिया जाता है। जो कि भीड़ के द्वारा किया जाता था।
उदाहरण .....
1. सबके सामने शूली पर चढ़ा देना।
2. सवके सामने फांसी दे देना।
3. पीट-पीट कर हत्या कर देना।
1. सबके सामने शूली पर चढ़ा देना।
2. सवके सामने फांसी दे देना।
3. पीट-पीट कर हत्या कर देना।
इस तरह की कई तरह की प्रताड़नाओं से एक खास इंसान की हत्या की जाती थी। जो कि सर्वसम्मति से होती थी।
भारत में पूर्व में भी इस तरह के मामले घटित हुए हैं ....
कोई व्यक्ति अगर प्रेम-प्रसंग के तहत अंतर्जातिय विवाह कर लेता था। तो पंचायत में सर्वसम्मति के माध्यम से विवाहितों को मृत्यु दंड देने की प्रथा सामाजिक स्तर पर चली आ रही थी।
कोई व्यक्ति अगर प्रेम-प्रसंग के तहत अंतर्जातिय विवाह कर लेता था। तो पंचायत में सर्वसम्मति के माध्यम से विवाहितों को मृत्यु दंड देने की प्रथा सामाजिक स्तर पर चली आ रही थी।
इतिहास में कहाँ है वर्णन ?
1. 14 मार्च 1891 ई. को अमेरिका लुइसियाना राज्य के न्यूऑर्लियंस में लोकल जेल पर हमला किया गया। जिसे इटैलियन के विरुद्ध लिंचिंग के घटना कही जाती है।
1. 14 मार्च 1891 ई. को अमेरिका लुइसियाना राज्य के न्यूऑर्लियंस में लोकल जेल पर हमला किया गया। जिसे इटैलियन के विरुद्ध लिंचिंग के घटना कही जाती है।
2. यूरोप के इतिहास में भीड़ द्वारा सजा देने के कई मामले दर्ज हैं।
3. अमेरिका में रंग-भेद कानून के तहत काले लोंगो की छोटी-छोटी घटनाओं पर भीड़ द्वारा हत्या कर दी जाती थी। इसे लिंच कानून का नाम दिया गया।
4. भारत में वैसे तो प्रचीन काल से डायन-बिसाही बताकर महिलाओं की हत्या की जाती रही है। लेकिन 2015 ई. में लिंचिंग की घटना नागालैंड के दीमापुर में बलात्कार के आरोपी की हत्या से साबित होती है।
किनके नाम पर बना लिंच कानून?
अमेरिका के दो युवक के नाम पर लिंच कानून का निर्माण किया गया। जिनका नाम चाल्स लिंच और विलियम लिंच वर्णत है।
अमेरिका के दो युवक के नाम पर लिंच कानून का निर्माण किया गया। जिनका नाम चाल्स लिंच और विलियम लिंच वर्णत है।
भारत में मॉब लिंचिंग की सामयिक घटनाएं ....
1. झारखंड के रामगढ़ में भीड़ द्वारा अल्लीमुद्दीन नामक युवक की हत्या।
2. हैदराबाद में धार्मिक स्थल पर मांस खाने के जुर्म में तीन युवकों की पिटाई।
3. झारखंड के सरायकेला में चोर बताकर तबरेज खाने की भींड ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।
4. राजस्थान के अलवर जिले में पहलू खान की भीड़ के द्वारा हत्या।
5. इसके अलावा अन्य ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिन्हें पंजीकृत ही नहीं किया गया।
1. झारखंड के रामगढ़ में भीड़ द्वारा अल्लीमुद्दीन नामक युवक की हत्या।
2. हैदराबाद में धार्मिक स्थल पर मांस खाने के जुर्म में तीन युवकों की पिटाई।
3. झारखंड के सरायकेला में चोर बताकर तबरेज खाने की भींड ने पीट-पीटकर हत्या कर दी।
4. राजस्थान के अलवर जिले में पहलू खान की भीड़ के द्वारा हत्या।
5. इसके अलावा अन्य ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिन्हें पंजीकृत ही नहीं किया गया।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई?
भारत में बने संवैधानिक अधिकार और कानूनी अधिकार के तहत कांड में संलिप्त तमाम लोेगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर उनके विरूद्ध IPC और CRPC की उचित धाराएं लगायी जाए। मामले की सुनवाई फास्ट्रैक स्पेशल कोर्ट की जाए। साथ ही कांड में जिस वक्ति को नुकसान होता है। उसकी सारी जानकारी प्राप्त कर राज्य सरकार, केन्द्र सराकार और प्रशासन उसे तथा उसके परिजन को उचित सहयोग प्रदान करे।
भारत में बने संवैधानिक अधिकार और कानूनी अधिकार के तहत कांड में संलिप्त तमाम लोेगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कर उनके विरूद्ध IPC और CRPC की उचित धाराएं लगायी जाए। मामले की सुनवाई फास्ट्रैक स्पेशल कोर्ट की जाए। साथ ही कांड में जिस वक्ति को नुकसान होता है। उसकी सारी जानकारी प्राप्त कर राज्य सरकार, केन्द्र सराकार और प्रशासन उसे तथा उसके परिजन को उचित सहयोग प्रदान करे।
