DVC ने पश्चिम बंगाल में छोड़ा पानी तो बिफर गई ममता सरकार, केंद्र पर साजिश का लगाया आरोप

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने शनिवार (4 अक्टूबर, 2025) को दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के दो जलाशयों से पानी छोड़े जाने के संबंध में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल के दावे का खंडन किया और आरोप लगाया कि त्योहारों के मौसम में पश्चिम बंगाल को अस्थिर करने के लिए केंद्र सरकार जानबूझकर साजिश रच रही है.

पाटिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (DVRRC) को मैथन और पंचेत जलाशयों से पानी छोड़ने के संबंध में डीवीसी को मार्गदर्शन देने के लिए अधिकृत किया गया है. उन्होंने कहा कि DVRRC सचिवालय ने पानी छोड़ने से पहले पश्चिम बंगाल सिंचाई और जलमार्ग निदेशालय से राय मांगी गई थी, लेकिन राज्य सरकार से कोई जवाब नहीं मिला.

केंद्रीय मंत्री ने मामले को लेकर किया दावा

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘DVRRC सचिवालय की ओर से दी गई तथ्यात्मक जानकारी के अनुसार कुल मिलाकर 70,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इसमें से मैथन बांध से 42,500 और पंचेत बांध से 27,500 क्यूसेक छोड़ा गया है, न कि 1,50,000 क्यूसेक, जैसा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया था.’

टीएमसी के प्रवक्ता ने किया पलटवार

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने केंद्र पर जानबूझकर पश्चिम बंगाल के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया. घोष ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव और षड्यंत्र करने की केंद्र की नीति फिर से सामने आ गई है, जैसा कि हमारे नेताओं ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी ने कहा है.’

उन्होंने कहा, ‘राज्य के बार-बार अनुरोध के बावजूद, DVC जैसी केंद्रीय एजेंसियां बिना किसी पूर्व सूचना के, बारिश होने पर पानी छोड़ रही हैं. वे जलाशयों और नदी तलों की उचित सफाई भी नहीं कर पा रही हैं, जिससे पानी का स्तर क्षमता से अधिक हो रहा है.’

TMC छात्र संघ के अध्यक्ष ने राज्य सरकार को बदनाम करने का लगाया आरोप

तृणमूल कांग्रेस छात्र संघ के अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने दावा किया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार को बदनाम करने के इरादे से काम कर रही है. उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हमारी प्रमुख ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बताया है, डीवीसी राज्य की चिंताओं पर ध्यान नहीं दे रहा है और बार-बार वही काम दोहरा रहा है. यह केंद्रीय धन से वंचित करके पश्चिम बंगाल के साथ केंद्र की ओर से किए जा रहे भेदभाव के समान ही है.’

पानी छोड़ने से पहले निर्धारित प्रक्रिया का किया था पालन- केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने दोहराया कि DVRRC ने पानी छोड़ने से पहले निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया था. उन्होंने कहा, ‘पानी छोड़ने से पहले, डीवीआरआरसी सचिवालय ने राज्य सरकार के सिंचाई और जलमार्ग निदेशालय से विचार और टिप्पणियां मांगी थीं. लेकिन कोई टिप्पणी या जानकारी नहीं मिली. सचिवालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, निचले दामोदर क्षेत्र में कोई भीड़भाड़ नहीं थी.’

सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया आरोप

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार (2 अक्टूबर, 2025) को डीवीसी पर लापरवाही से और बिना किसी पूर्व सूचना के पानी छोड़ने का आरोप लगाया और इसकी कड़ी आलोचना करते हुए इसे दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करने की जानबूझकर की गई चाल बताया. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में, बनर्जी ने विजय दशमी गुरुवार (2 अक्टूबर, 2025) को 65,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने को लापरवाही और शर्मनाक बताया और कहा कि इससे बंगाल में लाखों लोगों की जान तत्काल खतरे में पड़ गई है. वहीं, एक अन्य पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि डीवीसी ने शुक्रवार शाम तक 1,50,000 क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा.

उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं किसी को भी बंगाल का विसर्जन करने की अनुमति नहीं दूंगी. हमारे लोगों के खिलाफ हर साजिश का पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा. छल पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई की जीत होगी. मां दुर्गा की जय हो!’

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