सांसद आवासीय कार्यालय में वीर सपूत सिदो कान्हू की जयंती मनायी गयी


 सांसद आवासीय कार्यालय में वीर सपूत सिदो कान्हू की जयंती मनायी गयी

कतरास : खरखरी बाजार स्थित सांसद आवासीय कार्यालय में आजसू पार्टी के जिला प्रधान सचिव रामा शंकर तिवारी एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संथाल परगना के महानायक सिदो कान्हू की जयंती धूमधाम से मनाई गई।सिदो कान्हू के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए जिला प्रधान सचिव रामा शंकर तिवारी ने कहा कि सिदो कान्हू झारखंड के संथाल आदिवासी थे।भारत देश को आजादी दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।सन 1857 के विद्रोह के पहले 1855 में अंग्रेजो के खिलाफ उन्होंने विद्रोह किया था तथा 30 जून 1855 को सिदो कान्हू और चांद-भैरव ने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारी बिगुल फूंका था। देश को ब्रिटिश हुकूमत,महाजनी प्रथा तथा शोषण से मुक्ति दिलाने को लेकर ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को संगठित कर स्वराज वापसी की लड़ाई में एक बड़ी लकीर खींच दी।इसी दिन को बहुजन आंदोलन के रूप में हूल दिवस मनाया जाने लगा। 30 जून को संथाल आदिवासी बड़ी उल्लास के साथ हूल दिवस मनाते हैं। 26 जुलाई 1855 को ब्रिटिश सरकार ने सिदो कान्हू को फांसी दे दी। इस मौके पर मदन पाण्डेय, ललित तिवारी,नीरज कुमार, राकेश गयाली, प्रेम तिवारी, सोनू अंसारी, हीरा लाल बास्की, शमशेर अंसारी, छोटका सोरेन, लखन सोरेन, सद्दाम हुसैन, मनीलाल बास्की, दिलदार अंसारी, गोल्डन तिवारी, ताहिर अंसारी, गौतम गोप, खलील अंसारी, जितन नापीत, सकुर अंसारी, टिंकू गयाली, कुर्बान अंसारी, नसरुद्दीन अंसारी, इमामेन अंसारी, मिन्हाज अंसारी, अकबर अंसारी सहित अन्य शामील थे।

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