सांसद बनने की दौड़ में तीन बार के विधायक ढुलू महतो का राजनीतिक जीवन

Dhullu Mahto Baghmara

सांसद बनने की दौड़ में तीन बार के विधायक ढुलू महतो का राजनीतिक जीवन

धनबाद : लोकसभा चुनाव 2024 में धनबाद लोकसभा सीट से ढुल्लू महतो चुनाव लडेंगे।अब ढुलू महतो सांसद बनने की दौड़ में हैं और चर्चाओं के अनुसार संभवतः वे जीत भी सकते हैं?लेकिन,तीन बार के विधायक रह चुके ढुलू महतो के लिए राजनीति में सफलता इतना सरल भी न था।कुछ लोगों को विरासत मिलती हैं और कुछ अपनी विरासत बनाते हैं।ढुलू महतो भी उन्हीं राजनेताओं में से एक हैं,जिन्होंने अपनी विरासत स्वयं बनाई हैं।विशेष कर ढुल्लू महतो अपनी मुखरता के लिए जाने जाते हैं।हालांकि,इन पर आरोप प्रत्यारोप भी लगें और जेल भी जाना पड़ा।लेकिन,भयमुक्त होकर सदैव अग्रसर रहें।इन्होंने अपने कार्यकाल में कई कार्य किए।जिनमें ऐतिहासिक राम मंदिर चिटाही धाम का निर्माण सर्वोपरि हैं।जिसकी लोकप्रियता दूर - दूर तक हैं।बेबाक और निडर व्यक्तित्व ढुलू महतो की पहचान हैं।

12 मई 1975 को बाघमारा के चिटाही में ढुलू महतो का जन्म हुआ।पिता पूना महतो और माता रुकवा महताइन हैं।पांच भाइयों में ढुलू सबसे छोटे हैं,लेकिन सबसे बड़ा कार्य इन्होंने ही परिवार में किया।जो किसी भी मध्यमवर्गीय परिवार के लिए गर्व की बात हैं।ढुल्लू महतो ने 12वीं तक की पढ़ाई की हैं।उनके पिता महेशपुर कोलियरी में मजदूर के रूप में कार्य करते थे।उनकी पत्नी सावित्री देवी बोकारो जिला की रहने वाली हैं।

बीच में ही उन्होंने आर्थिक परेशानी के कारण पढ़ाई छोड़ दी और सेल जोगीडीह कोलियरी में काम करने लगे।ढुलू महतो ने मजदूरों का एक ऐसा दौर देखा।जब मजदूरों को प्रताड़ित किया जाता था।जो उन्हें बर्दाश्त नहीं होती थी और देखते ही देखते वे मजदूरों के हक और अधिकार के लिए लड़ाई लड़ने लगे।जिससे वे मजदूरों के मसीहा बन गए।मजदूरों के दिलों में ढुलू महतो ने जगह बनाई और उनके प्रिय हो गए।मजदूरों की लड़ाई से उन्हें मान सम्मान,लोकप्रियता और पहचान मिलने लगी।धीरे - धीरे आम लोग भी जन समस्याओं को लेकर उनके पास आने लगे और वह उनकी समस्याओं को दूर करने लगे।

वर्ष 1999 में ढुलू महतो की मुलाकात वरिष्ठ नेता समरेश सिंह से हुई।ढुल्लू महतो के कार्यों की चर्चा होने लगी और उनके कार्यों से समरेश सिंह प्रभावित थे।समरेश सिंह ने वर्ष 2000 में उनके कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें टाइगर की उपाधि दी।जिसके बाद ही उन्होंने टाइगर फोर्स नामक संस्था का गठन किया।जो आज एक मजबूत संगठन हैं और जिसकी गूंज कोयलांचल के साथ ही पूरे राज्य में हैं।वर्ष 2005 में उन्होंने पहली बार बाघमारा विधानसभा से चुनाव लड़ा।लेकिन, कड़ी टक्कर देते हुए हार का सामना करना पड़ा।वर्ष 2009 के विधानभा चुनाव में वे 56026 मतों से जीत कर पहली बार विधायक बने।इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।वर्ष 2014 में ढुलू महतो बीजेपी में शामिल हुए और बाघमारा विधानसभा से बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया।तब से आज तक ढुल्लू महतो पर बीजेपी का भरोसा बरकरार हैं।ढुलू महतो भी बीजेपी की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं।वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 86603 मत प्राप्त किए और बाघमारा में उन्होंने कमल खिलाया।वर्ष 2019 में पुनः भारतीय जनता पार्टी ने ढुल्लू महतो को बाघमारा विधानसभा से टिकट दिया।जिसमें उन्होंने जीत हासिल की।लेकिन,इस बार कांटे की टक्कर हुई और महज 824 मतों के अंतर से उन्होंने जीत हासिल की।

इस बार भाजपा ने लोकसभा उम्मीदवार के रूप में धनबाद लोकसभा सीट से ढुलू महतो पर विश्वास जताया हैं।संभावना भी जताई जा रहीं हैं कि ढुलू महतो इस बार सांसद बनकर भाजपा के भरोसे पर खरा उतरेंगे?

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने