वृहद झारखण्ड आदिवासी कुडमि मंच प्रतिनिधि बैठक सह वनभोज का आयोजन

 वृहद झारखण्ड आदिवासी कुडमि मंच प्रतिनिधि बैठक सह वनभोज का आयोजन

मैथन : वृहद झारखण्ड आदिवासी कुडमि मंच प्रतिनिधि बैठक सह वनभोज का आयोजन शुक्रवार को नेहरू पार्क पंचेत डैम मे सम्पन्न हुई।जिसकी अध्यक्षता पूर्व प्रचार्य धनेश्वर महतो ने किया।वही मंच का संचालन चौधरी चरण महतो ने किया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए धनेश्वर महतो ने कहा कि देश आजादी के पहले भी कुड़मियों को ठगा गया था और आजादी के बाद भी आने वाले लोकसभा चुनाव में जो दल कुड़मी हित की बात करेगा,कुड़मी समाज उसी को वोट करेगा।आगे इन्होने कहा कि झारखण्ड में हमलोगों को 1932 का खतियान नहीं 1931 का खतियान चाहिए।कारण 1931 में कुड़मी आदिवासी सूची में था।लेकिन तत्कालीन सरकार ने कुड़मी को साजिश के तहत आदिवासी सूची से हटा दिया। शत्रुधन महतो ने कहा कि झारखण्ड के पितामह बिनोद बाबू को भी भारत रत्न देने की मांग की जा रहीं हैं।कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने, कुड़मी जाति को अनुच्छेद 342 में सूचीबद्ध करने की मांग का निर्णय लिया गया।उपास्थित सभी लोगों ने एक स्वर मे कहा कि जब तक कुड़मी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं दिया जाता है।तब तक समाज का आन्दोलन जारी रहेगा।आगामी बैठक 29 फरवरी को धनबाद में, 17 मार्च को डुमरी गिरिडीह,31 मार्च को गिरिडीह में करने का निर्णय लिया गया हैं।मौके पर बैजनाथ महतो,रमेश महतो,धीरेंद्र नाथ महतो,गिरिधारी प्रसाद महतो,डॉ प्रदीप कुमार महतो,रविंद्र कुमार,रवि महतो,दरबारी महतो,दिनेश कुमार महतो,दासु महतो,रवि शेखर महतो,लालमोहन महतो,परशुराम महतो,लखनदार महतो,फूलचंद महतो,तरुण महतो आदि लोग मौजूद थे।

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